फुर्सत के दिन/fursat ke din
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कर दे सर जो वो कलम उनकी इनायत होगी
बाद मरने के मेरे नाम ये शोहरत हो गी
कर दें सर जो वो कलम ……………|
घर से निकलें है वो आज नया खंज़र ले कर -३
रोक ले रहें जो किसमें ये हिम्मत हो गी
बाद मरने के ………………………….|
कर दें सर जो वो कलम ……………|
उसको फुर्सत जो मिली किसी रोज़ ज़ख़्म देने से -३
उसको महसूस फिर मेरी जरुरत हो गी
बाद मरने के ………………………….|
कर दें सर जो वो कलम ……………|
ख्वाहिशे और नहीं)जिन्दा रहने के लिए (ख्वाहिशे और नहीं -३
“जीत” मर जाऊ अगर उनपे ही तोहमत हो गी
बाद मरने के ………………………….|
कर दें सर जो वो कलम ……………|
मलकीत सिंह “जीत ”
9935423754
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